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जीवन में बहुत काम कर लिया, अब मन की इच्छाएं पूरी करने का समय है: आलोक जोशी
वरिष्ठ पत्रकार, जाने माने लेखक और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘मनीकंट्रोल’ () में मैनेजिंग एडिटर डॉ. नलिन मेहता ने हाल ही में समाचार4मीडिया से खास बातचीत की। इस बातचीत के दौरान नलिन मेहता ने ‘मनीकंट्रोल’ को लेकर उनके विजन और मीडिया से जुड़े तमाम अहम मुद्दों पर विस्तार से अपने विचार रखे। इसके अलावा डॉ.
नलिन मेहता ने आज के डिजिटल दौर में फाइनेंसियल न्यूज के बदलते परिदृश्य के बारे में व्यापक जानकारी दी। यही नहीं, उन्होंने विश्वनीयता बनाए रखने की चुनौतियों, डेटा आधारित फैसलों के महत्व और कंटेंट व ग्रोथ में इस प्लेटफॉर्म द्वारा अपनाई जा रहीं नई पहलों के बारे में भी चर्चा की।
प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश:
आज के डिजिटल दौर में कंटेंट की भरमार है। ऐसे में फाइनेंसियल जर्नलिस्ट्स यानी फाइनेंस की खबरों से जुड़े पत्रकारों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां और अवसर क्या हैं?
फाइनेंसियल न्यूज यानी फाइनेंस की दुनिया से जुड़ी खबरों की बात करें तो ऑडियंस के व्यवहार और कंटेंट के उपभोग (consumption) में बड़ा बदलाव आया है। उदाहरण के लिए, मनीकंट्रोल के पास अब हर महीने मिलियन यूनिक विजिटर्स हैं। यह न केवल मनीकंट्रोल के लिए बल्कि पूरे फाइनेंसियल न्यूज परिदृश्य के लिए एक मानदंड है। अगर आप पारंपरिक बिजनेस अखबारों की संख्या देखें तो वे इस आंकड़े से काफी दूर हैं।
इसका मतलब है कि ऑडियंस पूरी तरह या बड़े पैमाने पर डिजिटल की ओर बढ़ चुके हैं। इससे हमारी कार्यप्रणाली बदल गई है। इस देश में बिजनेस के बारे में जानने की लोगों में काफी इच्छा है। ऐसे में जैसे-जैसे अधिक लोग औपचारिक अर्थव्यवस्था में प्रवेश कर रहे हैं, इन अवधारणाओं को समझने की मांग बढ़ रही है। लेकिन यह सब डिजिटल पर हो रहा है। जो लोग डिजिटल मार्केट पर अपनी अच्छी पकड़ बनाए हुए हैं, वही आज इस खेल में आगे हैं।
इस साल की ही बात करें तो पिछले 10 महीनों में मनीकंट्रोल ने अपने ऑडियंस की संख्या काफी बढ़ा ली है। इन 10 महीनों में हमने न केवल अपने मंथली व्युअर्स बल्कि पेड सबस्क्रिप्शंस की संख्या भी दोगुनी कर दी है। इस पैमाने पर यह बदलाव अभूतपूर्व है। इससे पता चलता है कि विकास की प्रकृति कैसी है और परिवर्तन कितनी तेजी से हो रहा है।
मूल रूप से, भारत में निवेशकों के लिए उपयोगी जानकारी की बड़ी मांग है क्योंकि इक्विटी संस्कृति तेजी से फैल रही है और लोग विश्वसनीय जानकारी के स्रोत खोज रहे हैं। जो लोग यह जानकारी प्रदान कर सकते हैं, वही ऑडियंस को आकर्षित कर रहे हैं। यही कारण है कि लोग हमारे प्लेटफॉर्म को पसंद करते हैं, क्योंकि वे निवेश से जुड़े अपने निर्णयों के लिए विश्वसनीय और भरोसेमंद जानकारी की तलाश करते हैं। इसके लिए एक अभूतपूर्व पैमाने पर विश्वसनीयता और गति दोनों की आवश्यकता होती है।
हमने Presenter Pro के लिए एक मिलियन पेड सबस्क्राइबर्स का आंकड़ा पार कर लिया है। इन आंकड़ों को देखने पर आपको पता चलेगा कि बाकी मीडिया के लिए स्थितियां कितनी कठिन हैं। ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स के दर्शकों की संख्या घट रही है। मीडिया के लिए इस कठिन माहौल में हमारे सबस्क्राइबर्स की संख्या दुनिया भर में टॉप 15 में शामिल है।
यह हमें फाइनेंशियल टाइम्स, अमेरिकी मीडिया समूह ‘Barron’ और चाइनीज मीडिया समूह ‘Caixin’ जैसे प्लेटफॉर्म्स के समकक्ष लाता है। इसलिए, अवसर बहुत बड़ा है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि इस हिसाब से काम और जिम्मेदारी भी उतनी ही बढ़ जाती है क्योंकि भारतीय पाठक उतनी ही सूझबूझ वाले और जागरूक हैं, जितने कि भारतीय मतदाता। जैसे भारतीय मतदाता अपने वोट के प्रति गंभीरता से सोचता है और सही विकल्प चुनने के लिए सावधान रहता है, वैसे ही भारतीय पाठक भी अपने कंटेंट के लिए गुणवत्तापूर्ण और प्रासंगिक सामग्री का चयन करने में सतर्क रहता है।
आप ऑडियंस डेटा का कैसे और कितना विश्लेषण करते हैं और यह डेटा आपके संपादकीय फैसलों को किस तरह प्रभावित करता है?
डेटा हमारी हर गतिविधि का मूल आधार है। यही कारण है कि हमने सबस्क्रिप्शन के मामले में रिकॉर्ड तोड़े हैं। एक मिलियन सबस्क्राइबर्स के साथ हम न केवल दुनिया के शीर्ष 15 में शामिल हैं, बल्कि भारत में किसी भी अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म की तुलना में न्यूज सबस्क्रिप्शन में कहीं आगे हैं। मनीकंट्रोल ने सामान्य निवेशकों के लिए वह सूचना उपलब्ध कराई है, जो पहले केवल संस्थागत निवेशकों के लिए ही सुलभ थी। जो जानकारी पहले केवल बड़े निवेशकों को ही मिलती थी, अब वह कॉमन यूजर्स और रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए बहुत कम कीमत पर उपलब्ध है। मनीकंट्रोल यही काम करता है। हमारे डेटा और डेटाबेस टूल इस प्रक्रिया का मुख्य हिस्सा हैं। यह डेटा का एक प्रमुख उपयोग है। हम जो कंटेंट तैयार करते हैं, उसमें डेटा केंद्रीयकृत भूमिका में रहता है।
दूसरा, हम नियमित रूप से अपने यूजर्स के व्यवहार को ट्रैक करते हैं और देखते हैं कि वे हमारे द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे कंटेंट पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यानी हम लगातार अपने पाठकों से जुड़े रहते हैं, उनकी प्रतिक्रिया लेते हैं और यह जानने की कोशिश करते रहते हैं कि वे किस तरह का कंटेंट चाहते हैं और उसी के अनुसार अपनी सेवाओं को मार्केट की आवश्यकताओं के मुताबिक़ ढालते हैं।
मैं खुद व्यक्तिगत रूप से डेटा का विश्लेषण करने में काफी समय लगाता हूं। मुख्य रूप से, हम ट्रैफ़िक और यूजर्स की बदलती आदतों को लगातार ट्रैक करते हैं और उसी के अनुसार अपने कंटेंट को तैयार करते हैं। आज के दौर की बात करें तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी एडिटर ट्रैफ़िक के पैटर्न को देखे बिना और यह समझे बिना कि उनका कंटेंट ऑडियंस/पाठकों तक पहुंच रहा है या नहीं, काम अच्छे से कर सकता है। मेरी नजर में अगर आपके कंटेंट को ऑडियंस नहीं मिल रहे हैं तो उस कंटेंट को तैयार करने का कोई मतलब नहीं है।
विश्वसनीयता सुनिश्चित करने, बेहतरीन कंटेंट तैयार करने और टैलेंट को अपने साथ बनाए रखने के लिए आप किस तरह के कदम उठाते हैं?
सबसे पहली बात तो यह है कि अच्छी क्वालिटी यानी गुणवत्ता का कोई विकल्प नहीं है। आखिरकार पाठक गुणवत्ता की ही तलाश करते हैं। यदि आपके कंटेंट में अच्छी क्वालिटी नहीं है, तो कोई भी आपके पास नहीं आएगा। उदाहरण के लिए, कई प्लेटफॉर्म्स पाठकों को ऑफर्स देकर भ्रमित करने और अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश करते हैं: जैसे- ‘यह लें और इसके साथ 10 और चीजें फ्री में पाएं।‘ लेकिन मेरा मानना है कि इस तरह आप पाठकों को एक बार तो धोखा दे सकते हैं, लेकिन दूसरी बार अथवा बार-बार नहीं।
क्योंकि जब कोई पाठक अपने सबस्क्रिप्शन का नवीनीकरण करता है तो यह आसान नहीं होता, खासकर भारत जैसे मूल्य-संवेदनशील बाज़ार में। लोग केवल उसी चीज के लिए पैसे देंगे, जिसे वे वास्तव में महत्व देते हैं, विशेष रूप से जब वे इसे दोबारा खरीदते हैं, इसलिए आपका कंटेंट उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए।
इसलिए, हम मानते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में हमारे भारतीय पाठक मनीकंट्रोल का सबस्क्रिप्शन ले रहे हैं और उसे जारी रख रहे हैं, तो इसका यही कारण है कि हमारे कंटेंट की गुणवत्ता पर उन्हें पूरा भरोसा है।
आप आप पूछेंगे कि हम यह कैसे करते हैं?
तो हम लगातार ऐसे उन्नत प्रॉडक्ट बनाते हैं, जो हमारे पाठकों को बाज़ार की गहरी जानकारी प्रदान करते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम लोगों को उनके पैसे को और अधिक स्मार्ट तरीके से निवेश करने में कैसे मदद कर सकते हैं? हमारा हर कंटेंट इसी सोच के साथ तैयार किया जाता है। उदाहरण के लिए, हमारे पाठकों में अनुभवी निवेशक और संस्थागत निवेशक, ट्रेडर्स और ब्रोकर्स समेत ऐसे लोग भी शामिल हैं जो पहली बार पैसा कमा रहे हैं और शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहते हैं।
इसीलिए, हमारे पास प्रॉडक्ट्स की एक विस्तृत श्रृंखला है। उदाहरण के लिए, हमारे पास ‘Expert Edge’ है, जहां हम दैनिक ट्रेडिंग कॉल और साप्ताहिक निवेश के सुझाव प्रदान करते हैं।
हमारे पास ‘Trade Like a Pro’ है, जहां हम तकनीकी जानकारी, रेटिंग्स और ट्रेंड्स प्रदान करते हैं। ‘Spot the Winners’ में लगभग प्रभावशाली स्टॉक स्कैनर्स हैं। ‘Deep Dive’ में क्वांट-आधारित विश्लेषण उपलब्ध है। इसके अलावा, आप मार्केट के प्रमुख खिलाड़ियों के पोर्टफोलियो को ट्रैक कर सकते हैं। इस तरह की कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सबके केंद्र में हमारी एक मजबूत रिसर्च टीम है, जिसमें शोध विश्लेषक शामिल हैं जो 25 अलग-अलग क्षेत्रों की प्रमुख भारतीय कंपनियों पर गहन जानकारी प्रदान करते हैं। हमारे सभी शोध विश्लेषक ‘सेबी’ (SEBI) द्वारा प्रमाणित हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके लिए विशेष कौशल और प्रमाणन की आवश्यकता होती है, और हमारी रिसर्च टीम इसी पृष्ठभूमि से आती है। हमारी रिसर्च टीम निवेशकों के लिए विषयगत पोर्टफोलियो भी तैयार करती है, जो अक्सर बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इन सब से मिलकर यूजर्स का विश्वास बनता है।
हमारा मानना है कि यूजर तभी आपकी ओर देखेगा और आपके प्लेटफॉर्म पर आएगा, जब उसे लगेगा कि आपकी दी गई जानकारी उनके जीवन में मूल्य जोड़ रही है और उनके लिए काम की साबित हो रही है। यदि आप इसमें गलती करते हैं, तो पाठक दोबारा आपके पास नहीं आएगा।
इसके अलावा, अब हम फिनटेक क्षेत्र में अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, हमारे प्लेटफॉर्म पर पाठक अब अपने बैंक खाते ट्रैक कर सकते हैं, अपनी रेटिंग्स देख सकते हैं, ऋण ले सकते हैं, फिक्स्ड डिपॉजिट कर सकते हैं और अपना क्रेडिट स्कोर जांच सकते हैं। इस प्रकार, आप तमाम सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। अब हम देश का सबसे बड़ा फाइनेंसियल प्लेटफॉर्म हैं। कोई अन्य प्लेटफॉर्म हमारे आसपास भी नहीं है। हम न्यूज, बिजनेस इंटेलिजेंस, मार्केट इंटेलिजेंस और निवेश के लिए उपयोगी टूल्स जैसी कई सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
आपकी नजर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन जैसी टेक्नोलॉजी फाइनेंसियल रिपोर्टिंग को किस तरह प्रभावित कर रही हैं?
मेरा मानना है कि फाइनेंसियल जर्नलिज्म पर तकनीक और AI का प्रभाव अन्य किसी प्रकार की पत्रकारिता से पहले ही पड़ चुका है। फाइनेंस और बिजनेस से जुड़ी जानकारियां पहले से ही स्वचालित रूप से हो रही हैं। इसका कारण यह है कि बिजनेस एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें पूर्वानुमान, निश्चित आवृत्ति और बड़े डेटा बिंदु मौजूद होते हैं।
ऑटोमेशन की बात करें तो आप मार्केट में क्या हो रहा है, इसे स्वचालित कर सकते हैं। आप संकेतकों को स्वचालित कर सकते हैं। यह हर कोई कर सकता है। आज, एक 18 वर्षीय कोडर भी वही कर सकता है जो कोडर्स की बड़ी टीम या कोई बड़ी मीडिया कंपनी कर सकती है। इसलिए, इस संदर्भ में, मुझे लगता है कि यह एक समान अवसर वाला क्षेत्र (level playing field) है।
डेटा आपको यह बताएगा कि क्या हो रहा है। लेकिन वह आपको यह नहीं बताएगा कि ऐसा क्यों हो रहा है। इसलिए, इस 'क्यों' का उत्तर देने के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और यही कारण है कि आज ज्ञान और समझ का बहुत अधिक महत्व है। यहीं पर हमारी भूमिका आती है।
हमारी वृद्धि और दर्शकों की संख्या दोगुनी होने का एक कारण यह है कि हमने लेखकों, विशेषज्ञों और मार्केट के अनुभवी लोगों में निवेश किया है, जो इसे सही मायनों में समझते हैं और ऐसा कंटेंट लिखते हैं जो निवेशकों के लिए मूल्यवान हो।
कंटेंट फॉर्मेट और स्टोरीटैलिंग में आप किस तरह से आगे रहते हैं?
आप कितनी बार अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करते हैं?
हम लगातार विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे- टेलीग्राम, वॉट्सऐप, ट्विटर, पॉडकास्ट, यूट्यूब और अन्य पर अपने उपयोग के पैटर्न (consumption patterns) पर नजर रखते हैं। ये सभी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये हमारे ऑडियंस से जुड़ने के अलग-अलग माध्यम हैं। अक्सर सोशल मीडिया पर हमें काफी जल्दी प्रतिक्रिया मिलती है।
Moneycontrol के प्लेटफॉर्म पर खुद के फोरम ही बहुत बड़े हैं। यदि आप हमारे फोरम को ट्रैक करते हैं, तो ये ऐसे स्थान होते हैं जहां विभिन्न विशेषज्ञता वाले लोग आकर अपने विचार और जानकारी साझा करते हैं। यदि आप उन्हें ट्रैक करते हैं, तो आपको बहुत जल्दी कुछ पता चलता है।
बुनियादी रूप से, डिजिटल में सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप रीयल टाइम में और पूर्ण संख्याओं में यह देख सकते हैं कि आपके ऑडियंस के साथ क्या हो रहा है। आप तुरंत देख सकते हैं कि ऑडियंस किस तरह प्रतिक्रिया दे रहे हैं और वे किस दिशा में जा रहे हैं।
उदाहरण के लिए, यदि मैं कोई स्टोरी पब्लिश करता हूं, तो मुझे दो मिनट में पता चल जाता है कि वह स्टोरी पढ़ी जा रही है या नहीं और क्या उसका ग्राफ ऊपर जा रहा है या नीचे। कहने का मतलब है कि इससे तुरंत आपको पता चल जाता है कि क्या आपने सही किया है। यह तुरंत आपको बता देता है कि क्या यह ऑडियंस के साथ जुड़ रही है या नहीं। यह आपको यह भी बता देता है कि क्या आपको कुछ बदलना चाहिए या शब्दों में कुछ बदलाव करना चाहिए।
यह डिजिटल का एक बड़ा फायदा है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि आपको कहीं अधिक लचीला होना पड़ता है और बहुत अधिक विनम्र होना पड़ता है, क्योंकि कई बार तमाम संपादक यह सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं। मुझे लगता है कि यह सही बात नहीं है। मेरे मानना है कि ऑडियंस बहुत कुछ जानती है और आपको लगातार ऑडियंस के विचारों को सुनना चाहिए।
आप करीब दस महीने से मनीकंट्रोल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस दौरान अब तक का आपका अनुभव कैसा रहा है?
काफी शानदार रहा है। मनीकंट्रोल हमेशा एक बड़ा ब्रैंड रहा है। यह लंबे समय से एक प्रमुख मीडिया प्लेटफॉर्म है। यह हमेशा शीर्ष पर रहा है। पिछले 10 महीनों में ‘नेटवर्क18’ (Network18) का हिस्सा बनकर, हमने अपनी ऑडियंस को दोगुना किया है और हम अपनी सबस्क्राइबर्स की संख्या को भी दोगुना कर चुके हैं। हमने इस प्लेटफॉर्म पर काफी काम किया है और उसमें कई नई परतें जोड़ी हैं। हमने नया कंटेंट जोड़ा है, नए टूल्स और कंटेंट की श्रेणियां जोड़ी हैं। हमने अपनी मुख्य सेवाओं में बहुत गहरी पैठ बनाई है और साथ ही अपने कंटेंट के दायरे को भी विस्तृत किया है।
मुझे लगता है कि यह एक बहुत संतोषजनक अनुभव रहा है। हमने कई नए लोगों को भी जोड़ा है क्योंकि हमारे ऑडियंस की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। सिर्फ कंटेंट होना पर्याप्त नहीं है, आपको ऑडियंस की जरूरतों का रियल टाइम में और तेजी से जवाब देना होता है।
खास बात यह है कि हम नए प्रकार के कंटेंट को तैयार करने में सफल रहे हैं और अपनी पेशकशों का बड़े पैमाने पर और बहुत तेज़ी से विस्तार किया है। मुझे लगता है कि ऑडियंस ने इस पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।